Ratha Yatra 2025: पुरी, ओडिशा में हर साल की तरह इस बार भी जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 27 जून 2025 को शुरू होने वाली यह नौ दिवसीय यात्रा भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। लाखों भक्त इस भव्य उत्सव में शामिल होने के लिए पुरी पहुंच रहे हैं, जहां विशाल रथों को खींचने का अवसर हर किसी के लिए आध्यात्मिक आनंद का क्षण होता है।
इस साल 11-12 जून को स्नान पूर्णिमा के साथ उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को 108 घड़ों से पवित्र जल से स्नान कराया गया। इसके बाद 13 से 26 जून तक अनवसरा काल में मंदिर आम लोगों के लिए बंद रहा, क्योंकि मान्यता है कि स्नान के बाद भगवान बीमार पड़ते हैं और उन्हें विश्राम की जरूरत होती है। 26 जून को नवजौबन दर्शन के साथ भक्तों को फिर से दर्शन का सौभाग्य मिला, और अब 27 जून को रथ यात्रा की शुरुआत होगी।
Ratha Yatra 2025: रथ यात्रा में तीन विशाल रथ शामिल हैं: नंदीघोष (जगन्नाथ), तालध्वज (बलभद्र), और दर्पदलन (सुभद्रा)। ये रथ हर साल विशेष लकड़ी से बनाए जाते हैं और इन्हें खींचना भक्तों के लिए पुण्य का कार्य माना जाता है। 5 जुलाई को बहुड़ा यात्रा होगी, जब देवता गुंडिचा मंदिर से वापस मुख्य मंदिर लौटेंगे। इस दौरान सुन बेशा, जिसमें भगवान को सोने के आभूषणों से सजाया जाता है, विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है।
पुरी में इस उत्सव का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है। यह एकता, समानता और भक्ति का प्रतीक है, जहां हर वर्ग के लोग रथ खींच सकते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, इस यात्रा में शामिल होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार, पुरी जिला प्रशासन ने IIT और IIM के छात्रों को लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट के लिए इंटर्नशिप के रूप में शामिल किया है, जो इस आयोजन को और व्यवस्थित बनाएगा।
Ratha Yatra 2025: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. रथ यात्रा क्या है?
रथ यात्रा पुरी, ओडिशा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की वार्षिक यात्रा है, जिसमें उन्हें विशाल रथों पर गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह भक्ति और एकता का उत्सव है।
2. रथ यात्रा कब शुरू होगी?
2025 में रथ यात्रा 27 जून को शुरू होगी और 5 जुलाई को सम begins on June 27, 2025, and concludes on July 5, 2025, spanning nine days. The main chariot procession occurs on June 27, with the return journey, Bahuda Yatra, on July 5.
3. क्या जगन्नाथ मंदिर रथ यात्रा के दौरान बंद रहता है?
हां, मंदिर स्नान पूर्णिमा (11-12 जून 2025) के बाद अनवसरा काल के दौरान लगभग 14 दिनों (13-26 जून) तक आम लोगों के लिए बंद रहता है। इस दौरान भगवान को बीमार माना जाता है और उन्हें विश्राम दिया जाता है।
4. रथ यात्रा में कौन से देवता शामिल हैं?
रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ (विष्णु/कृष्ण), उनके भाई बलभद्र (बलराम), बहन सुभद्रा, और सुदर्शन चक्र शामिल हैं।
5. रथ यात्रा का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ की सभी भक्तों को दर्शन देने की इच्छा का प्रतीक है। रथ खींचने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकता और भक्ति का उत्सव है।
6. रथ यात्रा का मुख्य आकर्षण क्या है?
तीन विशाल रथों का जुलूस, लाखों भक्तों का उत्साह, और सुन बेशा (देवताओं को सोने से सजाना) मुख्य आकर्षण हैं।
7. क्या कोई भी रथ खींच सकता है?
हां, रथ यात्रा में कोई भी भक्त रथ खींच सकता है, क्योंकि यह उत्सव समानता और भक्ति का प्रतीक है।
8. रथ यात्रा का आयोजन कौन करता है?
यह श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन और पुरी के पुजारियों द्वारा आयोजित की जाती है। यह प्राचीन परंपरा है, जिसका उल्लेख पुराणों में मिलता है।
9. 1990 में रथ यात्रा किसने शुरू की?
रथ यात्रा एक प्राचीन परंपरा है, जिसका 1990 में कोई विशेष प्रारंभकर्ता नहीं था। यह हर साल मंदिर प्रशासन द्वारा आयोजित होती है।
10. रथ यात्रा दो दिन क्यों?
रथ यात्रा नौ दिन की होती है, लेकिन मुख्य रथ जुलूस (27 जून) और बहुड़ा यात्रा (5 जुलाई) दो प्रमुख दिन हैं। पूर्ण उत्सव में कई अनुष्ठान शामिल हैं।