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Christmas Day 2024 in Hindi: पर्व, परंपराएँ और आध्यात्मिक सन्देश

Published on: December 17, 2024

क्रिसमस 2024 (Christmas Day 2024 in Hindi): भारत विविधताओं का देश है, जहां हर धर्म और संस्कृति के लोग रहते हैं। यहाँ ईसाई धर्म के अनुयायी क्रिसमस को मुख्य त्योहार के रूप में मनाते हैं। हर साल 25 दिसंबर को यीशु मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में क्रिसमस का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल ईसाई समुदाय के लिए बल्कि सभी धर्मों और संस्कृतियों के लिए एकता और भाईचारे का संदेश लेकर आता है। आइए इस ब्लॉग में क्रिसमस से जुड़ी कहानियां, इतिहास, परंपराएं और यीशु मसीह के जीवन के बारे में विस्तार से जानें और यह भी जानेंगे कि वह सर्वोच्च ईश्वर (परमेश्वर) कौन है जो इस सम्पूर्ण सृष्टि की उत्त्पति की। यीशु मसीह, जिन्हें ईश्वर का पुत्र कहा जाता है, ने प्रेम, करुणा और सत्य का संदेश दिया। लेकिन क्या यीशु मसीह पूर्ण परमेश्वर हैं? आईये जानते हैं

Christmas Day 2024 in Hindi: पर्व, परंपराएँ और आध्यात्मिक सन्देश

क्रिसमस दिवस 2024 (Christmas Day 2024) कब है?

क्रिसमस 25 दिसंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन दुनिया भर के ईसाई समुदाय के लिए एक विशेष दिन होता है। भारत सहित कई देशों में इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। 24 दिसंबर की रात से ही क्रिसमस का जश्न शुरू हो जाता है, जिसे “क्रिसमस ईव” कहा जाता है। ईसा मसीह के जन्म की सही तिथि को लेकर विभिन्न मत हैं।

25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का कारण

Christmas Day in Hindi [2024]: क्रिसमस ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार 24 दिसंबर की शाम से ही चर्च में प्रार्थनाओं और उपहार बांटने की परंपरा के साथ शुरू हो जाता है। हालांकि, ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को ही हुआ था। एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका और कई ईसाई धर्मग्रंथों के अनुसार, यीशु का जन्म अक्टूबर में हुआ था।

25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिन क्यों?

कुछ लोगों का मानना है कि 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का कारण यह है कि रोम के गैर-ईसाई समुदाय इस दिन अजय सूर्य (Unconquered Sun) की पूजा करते थे। जब ईसाई धर्म का प्रचार हुआ, तो यह निर्णय लिया गया कि ईसा मसीह का जन्मदिन भी इसी दिन मनाया जाए ताकि लोगों को एकजुट किया जा सके। इसलिए, ईसा मसीह का जन्मदिन 25 दिसंबर को मनाने की परंपरा शुरू हुई।

25 दिसंबर को “बड़ा दिन” क्यों कहते हैं?

Christmas Day 2024 [Hindi]:
भारत में दिसंबर का महीना ठंड के साथ छोटे दिनों और लंबी रातों का समय होता है। लेकिन महीने के अंत तक, दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। यह खगोलीय घटना पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने की स्थिति के कारण होती है।

25 दिसंबर को, जब क्रिसमस मनाया जाता है, तो यह दिन भारतीय समाज में एक विशेष महत्व रखता है। इसलिए इसे “बड़ा दिन” कहा जाता है। भारत के कई हिस्सों में क्रिसमस को इसी नाम से पुकारा जाता है।

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क्रिसमस का महत्व और इतिहास (Significance and History of Christmas)

क्रिसमस 2024 (Christmas Day 2024 in Hindi): मैरी और जोसेफ एक ऐसी जगह पर रहते थे जो सम्राट ऑगस्टस के शासन वाले रोमन साम्राज्य का हिस्सा थी। सम्राट ने आदेश दिया कि सभी लोग अपने-अपने गृहनगर लौटकर जनगणना में भाग लें। इस आदेश के कारण, मैरी और जोसेफ को नाजरेथ से बेथलहम की यात्रा करनी पड़ी। जब वे बेथलहम पहुँचे, तो वहाँ ठहरने के लिए कोई स्थान उपलब्ध नहीं था क्योंकि सम्राट के आदेश से कई लोग वहां इकट्ठा हो चुके थे।

मैरी और जोसेफ को एक अस्तबल में शरण लेनी पड़ी, और वहीं पर यीशु का जन्म हुआ। इस दौरान, पास के खेतों में चरवाहे अपनी भेड़ों को चरा रहे थे। अचानक, एक स्वर्गदूत उनके सामने प्रकट हुआ और उन्हें यह शुभ समाचार दिया कि उद्धारकर्ता का जन्म हुआ है, और वह एक चरनी में पाया जाएगा।

ईसा मसीह के जन्म का रहस्य

चरवाहे तुरंत उस स्थान पर गए और नवजात शिशु यीशु को मैरी और जोसेफ के साथ देखा। यह देखकर उन्होंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर की स्तुति की। उसी समय, सितारों का अध्ययन करने वाले कुछ विद्वान, जो दूर देशों में रहते थे, आकाश में एक नया चमकीला तारा देखकर समझ गए कि किसी महान राजा का जन्म हुआ है। वे पुराने ग्रंथों से इस संकेत का अर्थ जानते थे।

Christmas Day 2024 in Hindi

जब राजा हेरोद को इस बारे में पता चला, तो उसने उन बुद्धिमानों को बुलाया और नए राजा के बारे में जानकारी मांगी। हेरोद ने दिखावा किया कि वह भी उस बच्चे से मिलकर उसकी पूजा करना चाहता है, लेकिन उसका असली इरादा यीशु को मारने का था। स्वर्गदूत ने उन विद्वानों को राजा के इरादों के बारे में बताया, जिससे वे यीशु को देखने के बाद गुप्त रूप से अपने देश लौट गए।

यीशु की सुरक्षा

स्वर्गदूत ने यूसुफ को भी चेतावनी दी और कहा कि वह मैरी और शिशु यीशु को लेकर मिस्र चले जाएं क्योंकि राजा हेरोद उनकी जान लेना चाहता था। यूसुफ ने रातों-रात बेथलहम छोड़ दिया। अपने प्रयासों में असफल होने पर, हेरोद ने दो साल या उससे कम उम्र के सभी बच्चों को मार डालने का आदेश दिया। हेरोद की मृत्यु के बाद, स्वर्गदूत ने यूसुफ को वापस लौटने का निर्देश दिया, और वे गलीलिया के नाजरेथ गांव में जाकर बस गए।

यीशु मसीह का जीवन (Life of Jesus Christ)

Christmas Day 2024 in Hindi: 30 वर्ष की आयु के बाद, यीशु मसीह ने परमेश्वर का संदेश सुनाना आरंभ किया। उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया। इसके कारण धर्मगुरुओं ने उनका कड़ा विरोध किया। अंततः, यीशु को धोखा दिया गया और उन्हें क्रूस पर चढ़ाकर मृत्यु दंड दिया गया।

उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं, उनके सिर पर कांटों का ताज पहनाया गया, और कीलों से ठोककर येरूसलम में क्रूस पर लटकाया गया। मृत्यु के बाद उन्हें जब दफनाया गया तो तीसरे दिन पूर्ण परमेश्वर कविर्देव उनके स्थान पर आकर यीशु के रूप में जीवित दिखे और लोगों का विश्वास दृढ़ किया।

Christmas Day 2024 in Hindi

यीशु मसीह की विरासत

यीशु मसीह ने अपने जीवन में 12 शिष्यों को प्रेरित बनाया। इन शिष्यों में से एक, यहूदा, ने उन्हें धोखा दिया और उनकी गिरफ्तारी का कारण बना। यीशु ने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि उनके शिष्यों में से एक उन्हें पकड़वाएगा। सत्य की राह पर चलने वालों को सदैव कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, चाहे वह ईसा मसीह हों या अन्य संत।

क्रिसमस की परंपराएं (Christmas Traditions)

  1. क्रिसमस ट्री: क्रिसमस ट्री क्रिसमस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे सजाने के लिए रंग-बिरंगी रोशनी, बेल्स, तारों और गिफ्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह जीवन और उत्साह का प्रतीक है।
  2. सांता क्लॉज: सांता क्लॉज बच्चों के लिए खुशी और उपहार लेकर आते हैं। यह परंपरा संत निकोलस से प्रेरित है, जो बच्चों और गरीबों को गुप्त रूप से उपहार देते थे।
  3. चर्च सेवाएं: क्रिसमस के अवसर पर चर्च में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। लोग यीशु मसीह की शिक्षाओं और उनके बलिदानों को याद करते हैं।
  4. कैरोल गायन: क्रिसमस कैरोल्स गाकर यीशु के जन्म की खुशियां मनाई जाती हैं। यह परंपरा सामुदायिक भावना को बढ़ावा देती है।
  5. भोजन और उपहारों का आदान-प्रदान: क्रिसमस के दिन लोग स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को उपहार देकर खुशी जाहिर करते हैं

क्या यीशु मसीह सर्वोच्च ईश्वर हैं? (Is Jesus the Supreme God?)

बाइबल के अनुसार, यीशु मसीह परमेश्वर के पुत्र थे। उन्होंने मानव जाति के पापों को क्षमा करने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। लेकिन सर्वोच्च ईश्वर का वर्णन सभी धर्मों में एक अनादि, अविनाशी और जन्म-मृत्यु से परे शक्ति के रूप में किया गया है। क्या यीशु मसीह पूर्ण परमेश्वर हैं?

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, पवित्र बाइबिल और अन्य धर्म ग्रंथों में यह स्पष्ट है कि यीशु मसीह परमेश्वर के पुत्र थे, न कि स्वयं परमेश्वर।

  1. बाइबल के प्रमाण:
    • इब्रानी 1:5, मत्ती 17:5, मरकुस 1:11, और लूका 20:13 में उल्लेख है कि यीशु ईश्वर के पुत्र थे।
    • मत्ती 26:24-55 में स्पष्ट है कि यीशु को उनकी मृत्यु के बारे में पूर्व ज्ञान था, लेकिन वे इसे रोक नहीं सके।
  2. पूर्ण परमेश्वर कौन हैं? संत रामपाल जी महाराज ने वेदों, कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब का हवाला देते हुए बताया कि पूर्ण परमेश्वर का नाम कबीर साहेब है।
    • वे अनादि और अविनाशी हैं।
    • उनका जन्म माता के गर्भ से नहीं होता।
    • वे जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हैं।

कबीर साहेब की महिमा

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, कबीर साहेब ही सर्वोच्च ईश्वर हैं। पवित्र ग्रंथों में उनके बारे में स्पष्ट वर्णन है:

वेद: यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32 में भी कबीर साहेब का उल्लेख है।

पवित्र बाइबल: अय्यूब 36:5 में उल्लेख मिलता है।

गुरु ग्रंथ साहिब: राग “सिरी” महला 1, पृष्ठ 24, शब्द 22 में उनका वर्णन है।

क्रिसमस मनाएं या नहीं ? (Why Celebrate Christmas?)

वैश्विक स्तर पर व्यापक स्वीकृति के बावजूद, क्रिसमस दिवस (Christmas Day 2024 in Hindi) के उत्सव को लेकर कुछ विवादित विषय अभी भी चर्चा का कारण बने हुए हैं। सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि बाइबल में कहीं भी मसीह के जन्मदिन को मनाने का उल्लेख नहीं मिलता। बाइबल के अनुसार, जन्मदिन मनाने वाले लोग आध्यात्मिक ज्ञान से वंचित माने जाते हैं। यिर्मयाह 20:14 में भी यह बात कही गई है: “श्रापित हो वह दिन जिस दिन मेरा जन्म हुआ! जिस दिन मेरी माता ने मुझे जन्म दिया, वह दिन धन्य न हो!” संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान ने हमें यह समझने में मदद की है कि परमेश्वर की वास्तविक पहचान क्या है। उन्होंने सिखाया है कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए पूर्ण संत की शरण में जाना आवश्यक है।

यदि आप सत्य ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित “जीने की राह” पुस्तक को अवश्य पढ़ें। इसे निशुल्क मंगवाने के लिए आप 8193819381 पर संपर्क कर सकते हैं।

क्रिसमस डे 2024 पर उपहार

Christmas Day 2024 Gift Idea [Hindi]:
क्रिसमस पर अपने प्रियजनों और दोस्तों को उपहार देना एक खूबसूरत परंपरा है। यह दिन खुशियां बांटने और प्यार का इजहार करने का प्रतीक है। यदि आप इस क्रिसमस पर अपने दोस्तों और सगे संबंधियों को एक अनमोल उपहार देना चाहते हैं, तो आध्यात्मिक पुस्तक “जीने की राह” एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

यह पुस्तक पीडीएफ प्रारूप में मुफ्त डाउनलोड की जा सकती है। इसके अलावा, आप इसे घर बैठे निशुल्क मंगवा सकते हैं, और इसकी डिलीवरी भी मुफ्त है। इसके लिए आप 7496801825 पर मैसेज करके ऑर्डर कर सकते हैं।

आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ उठाएं

अधिक जानकारी और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए आप प्ले स्टोर से Sant Rampal Ji Maharaj App डाउनलोड कर सकते हैं। यह एप आपको आध्यात्मिकता, जीवन जीने के सही तरीके, और परमात्मा की वास्तविक जानकारी के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

क्रिसमस के इस पावन अवसर पर अपने प्रियजनों को ऐसा उपहार दें, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए और उन्हें सच्चा मार्ग दिखाए।

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