न्यूज़कलेंडर 2025एजुकेशन टेक्नोलॉजीयोजनाधर्म बिज़नेसकैसे कमायें जॉब खेल फ़ूडअंग्रेजी समचारकहानी ऑडियो विडियो

17 February 2025 Bodh Diwas: आध्यात्मिक जागृति का पर्व संत रामपाल जी

Published on: February 13, 2025

17 February 2025 Bodh Diwas: हर वर्ष 17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह वह पावन दिवस है, जब सन् 1988 में संत रामपाल जी महाराज को उनके परम पूज्य गुरुदेव स्वामी रामदेवानंद जी महाराज जी से नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। इस शुभ अवसर पर संत रामपाल जी महाराज जी का बोध दिवस उनके अनुयायिओं द्वारा मनाया जाता है तो आइए हम सब मिलकर परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज के बारे में जानें और उनके द्वारा बताए गए सतभक्ति मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं।

17 February 2025 Bodh Diwas: आध्यात्मिक जागृति का पर्व संत रामपाल जी

बोध दिवस का महत्व

17 February 2025 Bodh Diwas in Hindi: 17 फरवरी को मनाया जाने वाला यह बोध दिवस केवल एक साधारण आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संदेश को समेटे हुए है। संत रामपाल जी महाराज ने समाज को दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और व्याभिचार मुक्त बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने शास्त्र-सम्मत भक्ति मार्ग का प्रचार किया और बताया कि बिना सतगुरु की शरण लिए मानव जीवन का कोई सार्थक उद्देश्य नहीं है।

संत रामपाल जी महाराज का आध्यात्मिक मार्ग

संत रामपाल जी महाराज ने वेद, गीता, बाइबल, कुरान और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन कर निष्कर्ष निकाला कि केवल पूर्ण सतगुरु ही जीव को जन्म-मरण के चक्र से मुक्त कर सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने कबीर परमेश्वर जी को साक्षी मानकर यह बताया है कि, हे भोले मानव! यह अचंभे की बात है कि बिना गुरु से दीक्षा लिए जीवन की आशा में क्यों जीवित हो? जिनमें यह विवेक नहीं कि भक्ति के बिना जीव का कोई ठिकाना नहीं, वे सजीव होते हुए भी वास्तव में निर्जीव पाषाण के समान हैं।

कबीर, बिन उपदेश अचम्भ है, क्यों जिवत हैं प्राण। भक्ति बिना कहाँ ठौर है, ये नर नाहीं पाषाण।।

इसका अर्थ है कि जब तक जीव को सतगुरु से वास्तविक भक्ति का ज्ञान नहीं मिलता, तब तक उसका जीवन निरर्थक ही रहता है।

कबीर, काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय। भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दोय।।

तेरा शरीर भी तेरा नहीं है, यह भी एक दिन त्यागना पड़ेगा। फिर तेरा धन-संपत्ति भी तेरा कैसे हो सकता है? इसलिए जीवन के शेष बचे हुए पलों को व्यर्थ न गंवाकर, निर्मल हृदय से भक्ति का मार्ग अपनाओ।

अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय-अस्त का राज मिले, तो बिन नाम बेगार।।

आध्यात्मिक दृष्टि से, यदि कोई व्यक्ति पूर्ण गुरु से दीक्षा लेकर भी भक्ति नहीं करता, तो चाहे उसे संपूर्ण पृथ्वी का राज्य भी प्राप्त हो जाए, वह लक्ष्यहीन जीवन जीता है और जन्म-मृत्यु के चक्र में फंसकर बेकार परिश्रम करता रहता है।

संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएँ

  1. सतगुरु की शरण आवश्यक: उनके अनुसार बिना पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लिए हुए कोई भी जीव मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकता।
  2. शुद्ध भक्ति मार्ग: संत रामपाल जी महाराज ने समाज में प्रचलित मिथ्या परंपराओं को उजागर किया और लोगों को सही मार्ग बताया।
  3. सामाजिक सुधार: उन्होंने महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, नशा उन्मूलन और दहेज प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।

कैसे मनाया जाता है बोध दिवस? 17 February Bodh Diwas

17 February 2025 Bodh Diwas in Hindi: हर वर्ष इस पावन अवसर पर 11 सतलोक आश्रमों में उनके अनुयायी सत्संग में भाग लेते हैं और संत रामपाल जी महाराज के बताए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं। इस दिन विशेष सत्संग, अखंड पाठ, विशाल भंडारा, दहेज मुक्त विवाह, रक्तदान शिविर व निशुल्क नाम दीक्षा का आयोजन किये जातें है । विशेष बात यह है कि यह आयोजन तीन दिवसीय होता है। वाकई यह दृश्य मनमोहक होता है। देखिये उस दृश्य का कुछ मनमोहक नजारा अभी देखें

बोध दिवस और जन्म दिवस में अंतर

यह ध्यान रखना आवश्यक है कि संत रामपाल जी महाराज का जन्म दिवस 8 सितंबर 1951 को हरियाणा के सोनीपत जिले के धनाना गाँव में हुआ था, जबकि उनका बोध दिवस 17 फरवरी को मनाया जाता है। बोध दिवस वह शुभ दिन होता है, जब किसी को सतगुरु से नाम दीक्षा प्राप्त होती है और उसे अपने जीवन का वास्तविक उद्देश्य का बोध होता है (समझ में आता है) ऐसे दिन को बोध दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

17 फरवरी बोध दिवस आध्यात्मिक जागृति का पर्व संत रामपाल जी 17 February 2025 Bodh Diwas

संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस (17 February Bodh Diwas) के उपलक्ष्य में अखंड पाठ का आयोजन विभिन्न सतलोक आश्रमों पर किया जाता है , जिनमें शामिल हैं:

  • सतलोक आश्रम, मुंडका (दिल्ली)
  • सतलोक आश्रम, धनाना धाम (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम, कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम, भिवानी (हरियाणा)
  • सतलोक आश्रम, धूरी (पंजाब)
  • सतलोक आश्रम, खमाणों (पंजाब)
  • सतलोक आश्रम, सोजत (राजस्थान)
  • सतलोक आश्रम, शामली (उत्तर प्रदेश)
  • सतलोक आश्रम, धनुषा (नेपाल)
  • सतलोक आश्रम, बैतूल (मध्यप्रदेश)
  • सतलोक आश्रम, इंदौर (मध्यप्रदेश)

हर वर्ष 17 फरवरी को संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में विशेष सत्संग का आयोजन किया जाता है। इस पावन अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का विशेष प्रसारण साधना टीवी चैनल पर सुबह 9:15 बजे (IST) अवश्य देखें।

संत रामपाल जी महाराज: भविष्यवाणियों में वर्णित दिव्य अवतार

प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के अनुसार, एक महान संत भारत में जन्म लेंगे जो विश्व में सतभक्ति का प्रचार करेंगे। उनकी भविष्यवाणियों के अनुसार, यह संत 50 से 60 वर्ष की आयु में प्रसिद्ध होंगे और 2006 में अचानक प्रकाश में आएंगे। संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं को इन भविष्यवाणियों से जोड़कर देखा जाता है। अधिक जानकारी के लिए देखिये यह भविष्यवाणी

कैसे लें संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा?

संत रामपाल जी से निःशुल्क दीक्षा लेने या अपने नजदीकी नाम दीक्षा केंद्र का पता जानने के लिए संपर्क करें:- 8222880541… , संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित ज्ञान गंगा और जीने की राह जैसी पवित्र पुस्तकें निःशुल्क मंगवाने के लिए अपना पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नंबर हमारे व्हाट्सएप नंबर 7496801825 पर भेजें

निष्कर्ष

17 फरवरी बोध दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरण का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन हमें सतभक्ति का महत्व सिखाता है और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता को उजागर करता है। संत रामपाल जी महाराज के दिखाए गए मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं और मोक्ष प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। तो देर किस बात कि संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान को समझे व निशुल्क नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर आजीवन सतभक्ति करके अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाएं धन्यवाद ।

संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस से संबंधित सामान्य प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: संत रामपाल जी महाराज का बोध दिवस प्रतिवर्ष 17 फरवरी को मनाया जाता है।

प्रश्न 2: संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक गुरु कौन हैं?
उत्तर: संत रामपाल जी महाराज के आध्यात्मिक गुरु स्वामी रामदेवानंद जी महाराज हैं।

प्रश्न 3: संत रामपाल जी महाराज का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: संत रामपाल जी महाराज का जन्म 8 सितंबर 1951 को हुआ था।

प्रश्न 4: स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी को नाम उपदेश देने की आज्ञा कब दी?
उत्तर: स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने संत रामपाल जी को नाम उपदेश देने की आज्ञा सन् 1994 में दी थी।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

1 thought on “17 February 2025 Bodh Diwas: आध्यात्मिक जागृति का पर्व संत रामपाल जी”

  1. According to the prophecies of all the great prophets of the world, a great man from India will bind the world in the thread of humanity. That great man is none other than Jagatguru Tatvdarshi Saint Rampal Ji Maharaj, whose enlightenment day is on 17 February. On this occasion, a three-day free huge feast is being organized in all Satlok Ashrams.

    In this feast, food made from desi ghee, a three-day continuous reading of the immortal words of Garibdas Ji Maharaj, dowry-free weddings and blood donation camps are also being organized.
    For more information visit Satlok Ashram youtube channel

    Reply

Leave a Comment