Dowry Free Marriage: संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का अनोखा सामाजिक योगदान– दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। उनके मार्गदर्शन में विभिन्न सतलोक आश्रमों में सैकड़ों दहेज मुक्त विवाह संपन्न हो चुके हैं, जो समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं। आइए जानते हैं इन विवाह समारोहों और इनके सामाजिक प्रभाव के बारे में।
संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस पर दहेज मुक्त विवाहों की झलकियां
धनाना धाम (हरियाणा)
हरियाणा के सतलोक आश्रम धनाना धाम में संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस पर 7 जोड़ों ने बिना दहेज और फिजूल खर्च के सादगीपूर्ण तरीके से विवाह किया। ये विवाह मात्र 17 मिनट में संपन्न हुए, जो इस बात का प्रतीक है कि शादी जैसे पवित्र बंधन को दिखावे और अनावश्यक खर्चों से दूर रखा जा सकता है।
खमाणों (पंजाब)
पंजाब स्थित सतलोक आश्रम खमाणों में संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित होकर 2 जोड़ों ने दहेज मुक्त विवाह किया। इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि विवाह में सादगी और पवित्रता बनाए रखना ही असली संस्कार है।

धनुषा (नेपाल)
नेपाल के सतलोक आश्रम धनुषा में 7 जोड़ों ने संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से दहेज रहित विवाह किया। बिना किसी दिखावे और खर्च के केवल 17 मिनट में विवाह सम्पन्न कर ये जोड़े समाज के लिए एक मिसाल बन गए।
बैतूल (मध्यप्रदेश)
मध्यप्रदेश के बैतूल में संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस पर 31 जोड़ों का दहेज मुक्त विवाह सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम न केवल विवाह का हिस्सा बने जोड़ों के लिए यादगार रहा, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी दे गया।
मुंडका (दिल्ली)
दिल्ली के सतलोक आश्रम मुंडका में 6 जोड़ों ने बिना किसी दहेज लेन-देन के केवल 17 मिनट में शादी कर समाज को संदेश दिया कि सच्चा सुख और सम्मान सादगी में है।
इंदौर (मध्यप्रदेश)
इंदौर स्थित सतलोक आश्रम में 7 जोड़ों ने बिना किसी फिजूल खर्च के, सादगीपूर्ण तरीके से विवाह बंधन में बंधकर समाज में एक नई मिसाल कायम की।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
कुरुक्षेत्र के सतलोक आश्रम में 5 जोड़ों का विवाह संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। ये विवाह मात्र 17 मिनट में सम्पन्न हुए और दहेज मुक्त समाज की नींव को और मजबूत किया।

भिवानी (हरियाणा)
भिवानी स्थित सतलोक आश्रम में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने दहेज मुक्त विवाह (Dowry Free Marriage) कर समाज को यह संदेश दिया कि विवाह में दिखावा और दहेज जैसी कुरीतियों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
शामली (उत्तरप्रदेश)
उत्तरप्रदेश के शामली में संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित होकर उनके शिष्यों ने दहेज रहित शादी की। यह विवाह समाज में बदलाव की दिशा में एक और कदम था।

सोजत (राजस्थान)
राजस्थान के सतलोक आश्रम सोजत में भी 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह सम्पन्न हुआ। इस विवाह में न तो कोई दिखावा हुआ और न ही एक पैसे का लेन-देन।
दहेज मुक्त विवाह: सामाजिक बदलाव का प्रतीक
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य समाज से दहेज प्रथा को समाप्त करना और सादगीपूर्ण जीवन शैली को बढ़ावा देना है। उनके शिष्यों द्वारा दहेज मुक्त विवाह (Dowry Free Marriage) करने का उद्देश्य समाज को यह संदेश देना है कि विवाह जैसे पवित्र बंधन को पैसों और दिखावे से दूर रखना चाहिए।
देखिये सतलोक आश्रम का भव्य नजारा
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं
- सादगीपूर्ण जीवन: उनके अनुयायी फिजूलखर्ची से बचने और सादगीपूर्ण जीवन जीने का पालन करते हैं।
- दहेज प्रथा का उन्मूलन: विवाह में किसी भी प्रकार का दहेज स्वीकार नहीं किया जाता अर्थात न तो दहेज लिया जाता है और न ही दिया जाता है ।
- समाज सुधार: उनके अनुयायी समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।
- धार्मिक समानता: वे धर्म और जाति से ऊपर उठकर मानवता को प्राथमिकता देते हैं।
FAQ: Dowry Free Marriage: दहेज मुक्त विवाह से जुड़े सवाल
संत रामपाल जी महाराज के दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम कैसे होते हैं?
ये विवाह सादगीपूर्ण तरीके से सतलोक आश्रमों में आयोजित किए जाते हैं, जहां किसी प्रकार का दिखावा, फिजूल खर्च या दहेज का लेन-देन नहीं होता।
इन विवाहों की अवधि कितनी होती है?
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में ये विवाह समारोह केवल 17 मिनट में सम्पन्न हो जाते हैं जिन्हें रमैनी कहते हैं ।
क्या इन विवाहों में सभी धर्मों के लोग शामिल हो सकते हैं?
जी हां, संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं धर्म और जाति से ऊपर हैं। इनके अनुयायी सभी धर्मों और जातियों के लोग हो सकते हैं।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य क्या है?
उनका उद्देश्य समाज से कुरीतियों को समाप्त कर सादगीपूर्ण और ईमानदार जीवन शैली को बढ़ावा देना है।
इन विवाहों से समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
दहेज मुक्त विवाह से समाज में सकारात्मक बदलाव आता है। यह दिखावे और फिजूल खर्च से बचने का संदेश देता है और लोगों को सादगी अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
निष्कर्ष
संत रामपाल जी महाराज के दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम न केवल समाज सुधार का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी हैं। इन विवाहों से यह संदेश स्पष्ट है कि सादगी और पवित्रता ही एक सफल जीवन का आधार है। आइए, हम सब मिलकर इस पहल को आगे बढ़ाएं और एक नए, सशक्त समाज का निर्माण करें।