नमस्कार दोस्तों। आज हम इस लेख में रक्षाबंधन पर्व और उस अद्भुत विधि के बारे में जानेंगे जिससे पूर्ण परमेश्वर स्वयं रक्षा करेंगे। रक्षाबंधन का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करती हैं। आईये जानते हैं Raksha Bandhan 2023: सबका रक्षक कौन है ?
रक्षाबंधन कब है जानिए तिथि
यह पर्व ( Raksha Bandhan ) हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 30 अगस्त 2023 को मनाया जा रहा है ।
इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करती हैं। इस अनुष्ठान को करते समय बहनें अपने भाइयों की सलामती की प्रार्थना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और प्रतिज्ञा करते हैं कि वे उनके साथ खड़े रहेंगे और हर स्थिति में उनकी रक्षा और देखभाल करेंगे। दोनों भाई-बहन राखी बांधने से पहले व्रत रखते हैं।
रक्षाबंधन मनाने से पहले क्या आपने कभी सोचा
Raksha Bandhan 2023 in Hindi: विचार करें क्या रक्षाबंधन से लोगों की रक्षा होती है? क्या कर्मबन्धन या प्रारब्ध कर्म राखी बांधने से टल जाते हैं? क्या भाई बहन के जीवन के संकट राखी के धागे से रोके जा सकते हैं? क्या व्यक्ति अपने भाग्य के अनुसार मृत्यु को प्राप्त नहीं होता? क्या किसी दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की बहन ने कभी उसके लिए प्रार्थना नहीं की होगी? क्या शहीद होने वाले सैनिक की बहन ने अपने भाई के लिए दुआ न मांगी होगी? कभी विचार करके देखिये कि रक्षाबंधन मनाने के बाद भी येसी घटनाये क्यों हो जाती है ? आखिर क्यों भाई, बहन की रक्षा या फिर बहन, भाई की रक्षा नही कर पाती ? वास्तव में सबका वास्तविक रक्षक तो कोई और है जिसको हम भूल चुके है।
हम सबकी रक्षा कौन कर सकता है?
Raksha Bandhan 2023: सबका रक्षक कौन है ?: रक्षाबंधन लोग इसलिए मनाते है ताकि भाई बहन की रक्षा कर सके। किंतु रक्षा तो केवल पूर्ण अविनाशी परमात्मा कविर्देव ही कर सकते हैं। अन्यथा तीनों गुणयुक्त देव, रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु और तमगुण शिव जी तो विधि के विधान से ही बंधे हैं। जब जिसकी मृत्यु होनी होती है, हो जाती है। कोई भी किसी को कुछ नहीं दे सकता। लोग परमात्मा द्वारा रचित विधान को पूरा करने के निमित्त मात्र बनते हैं। माता-पिता सन्तान का पालन पोषण करते हैं, यह भी कर्मबन्धन है। जीवन के सभी रिश्ते-नाते चाहे वह भाई, माता, पिता, बहन, पति, मित्र, प्रेमी आदि कोई भी हों, पिछले ऋण सम्बन्धों के कारण ही होता है। कबीर साहेब कहते हैं-
एक लेवा एक देवा दूतम, कोई किसी का पिता न पूतम |
ऋण सम्बन्ध जुड़ा एक ठाठा, अंत समय सब बारा बांटा ||
परमेश्वर कबीर साहेब जी
अर्थात सभी रिश्ते ऋण सम्बन्ध से जुड़े हैं। किसी पर निर्भर नहीं हुआ जा सकता। सभी अपने भाग्य का लिखा भोगने के लिए विवश हैं। यदि भाग्य से अधिक चाहिए और इस अप्रत्याशित लोक में शत प्रतिशत सुख और रक्षा की गारंटी चाहिए तो वेदों में वर्णित पूर्ण अविनाशी परमेश्वर की शरण में आएं। जानिए कबीर साहेब जी कौन हैं ?
आज वर्तमान समय में पूरी पृथ्वी पर एकमात्र पूर्ण संत संत रामपाल जी महाराज जी है जो शात्रों के आधार पर सतभक्ति विधि बता रहे है इनके ज्ञान को समझे नाम दीक्षा लेकर अपना व अपने परिवार का कल्याण करवाएं ।