Chandauli News: चंदौली: 01 मार्च 2025: दीन दयाल उपाध्याय (DDU) नगर, बेचू पुर नई बस्ती में संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग बड़े ही भव्य और श्रद्धामय माहौल में संपन्न हुआ। इस सत्संग में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए और अध्यात्मिक ज्ञान की गंगा में गोता लगाया।
संत रामपाल जी महाराज का संदेश: शांति, प्रेम और भक्ति का मार्ग
Chandauli News: सत्संग के दौरान संत रामपाल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में बताया कि वास्तविक भक्ति क्या है और मनुष्य का मुख्य उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति कैसे हो सकता है। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वासों, कर्मकांडों और धार्मिक भटकाव पर प्रकाश डालते हुए तर्कसंगत व शास्त्रों पर आधारित मार्गदर्शन दिया।
संत जी ने सत्संग में यह भी बताया कि मानव जीवन बहुत दुर्लभ है और इसे केवल सत्भक्ति से ही सार्थक किया जा सकता है। उन्होंने विभिन्न धर्मों के ग्रंथों से प्रमाण देते हुए बताया कि परमात्मा एक ही है, जो सच्चे साधक को सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, अनुशासित आयोजन
संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचे। कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए सेवादारों (संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ) ने पूरी व्यवस्था संभाली। पूरे आयोजन में अनुशासन और सेवा भाव की झलक देखने को मिली।
एक श्रद्धालु ने बताया, “मैं पहली बार संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनने आया हूं। उनके प्रवचनों में जो तर्क और प्रमाण हैं, वे वास्तव में अद्भुत हैं। आज मेरी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान मिला।”
निःशुल्क सेवाएँ
सत्संग के उपरांत सभी श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क जल चाय राम की भी व्यवस्था की गई, जिसमें सभी ने प्रेमपूर्वक जल और चाय राम पीया, निशुल्क नाम दीक्षा का आयोजन किया गया इसके अलावा, संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित “ज्ञान गंगा”, “जीने की राह”, और अन्य धार्मिक ग्रंथ का स्टाल भी लगाया गया, जिससे श्रद्धालु पुस्तक घर ले जाकर घर पर भी सत्संग के ज्ञान को आत्मसात कर सकें।

संत रामपाल जी महाराज का सत्संग: समाज में एक नई दिशा
इस सत्संग का मुख्य उद्देश्य केवल धार्मिक उपदेश देना नहीं था, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना था। संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि भक्ति का वास्तविक स्वरूप केवल कर्मकांडों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूर्ण गुरु द्वारा दी गई सच्ची नाम दीक्षा के अनुसार किया गया अभ्यास है।
इस सत्संग से प्रेरित होकर कई श्रद्धालुओं ने यह निर्णय लिया कि वे अब केवल शास्त्र-सम्मत भक्ति करेंगे और संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेंगे।

समाप्ति: आध्यात्मिक जागरूकता की ओर एक कदम
DDU, चंदौली में आयोजित यह सत्संग श्रद्धालुओं के लिए एक अभूतपूर्व आध्यात्मिक अनुभव रहा। इसने न केवल उनके मन में भक्ति और ईश्वर की सच्ची पहचान का दीप जलाया, बल्कि उन्हें अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए भी प्रेरित किया।
ऐसे सत्संग न केवल व्यक्ति को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर करते हैं, बल्कि समाज को अंधविश्वास और भटकाव से निकालकर एक सच्चे आध्यात्मिक मार्ग की ओर ले जाते हैं।

इस विषय पर आपके क्या विचार है हमे जरुर बताएं
संतरामपाल जी महाराज के सत्संग में आने से बहुत अच्छा लगता है और यहां की व्यवस्था भी बोहोत अच्छा है आप सब भी आए और सभी शस्त्र के अनुसार ज्ञान प्राप्त करे