शास्त्रों में बताई सतभक्ति करने से ही मोक्ष संभव – संत रामपाल जी महाराज सत्संग मोक्ष की धारा कोई समझे राम का प्यारा।
Sant Rampal Ji Satsang in Chandauli: उत्तर प्रदेश के जिला चन्दौली के पंडित दिनदयाल उपाध्याय नगर में स्थित सतलोक आश्रम नामदीक्षा केंद्र पर दिनांक – 4/12/2022 (रविवार) को संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों द्वारा एक दिवसीय विशाल सत्संग समारोह व निःशुल्क नामदीक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें जिले भर से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर LED के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज के मुखकमल द्वारा परमात्मा की अमृतवाणीयों का लाभ उठाया और कुछ नए श्रद्धालुओं ने सत्संग के अमृत वचनों से प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज से निःशुल्क नामदीक्षा ग्रहण की और सत्संग में लगाए गए बुक स्टाल से संत रामपाल जी महाराज जी के स्वरूप और उनके द्वारा लिखित पुस्तकें भी घर ले गए। वहां के सेवादारों से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह सत्संग प्रत्येक महीने के प्रथम रविवार को होता रहता है और निःशुल्क नामदीक्षा की व्यवस्था प्रतिदिन रहती हैं।
इस सत्संग में सेवादार वासुदेव दास, अशोक दास, रामलाल दास, दिव्यांशु दास, रमाशंकर दास, जटाधारी दास, सुनील दास सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
![Sant Rampal Ji Satsang in Chandauli](https://satrangitv.in/wp-content/uploads/2022/12/20221205_173021-1024x576.jpg)
सत्संग की आवश्यकता क्यों – Sant Rampal Ji Satsang
सत्संग में जाने से हमें सतभक्ति और मानव जीवन के मुख्य उद्देश्य का पता चलता है।
मानव जीवन का मूल उद्देश्य “भक्ति से भगवान” तक जाकर पूर्ण मोक्ष पाना है जो की सिर्फ संत रामपालजी महाराज द्वारा बताई शास्त्रानुसार सत्य साधना करने से ही संभव है। भक्तिहीन प्राणी को यम के दूत पकड़कर ले जाते हैं और नरक मे डाल देते हैं। नरक के बाद वे प्राणी चौरासी लाख योनियों में जाते हैं। अगर आपको इन सब दुखों से बचना है तो सतभक्ति करो। वर्तमान में सतभक्ति संत रामपाल जी महाराज जी ही दे रहे हैं। जिससे सभी प्रकार के रोग कष्ट दूर होते हैं।
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले ना बारंबार।
जैसे तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार।।
कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटैं हरि नाम।
जैसे कुंआ जल बिना, बनवाया क्या काम।।
अनुवाद – मनुष्य जन्म अत्यंत दुर्लभ हैं। यह बार-बार मिलना बहुत मुश्किल है। मानव जीवन में यदि भक्ति नहीं करता तो वह जीवन ऐसा है जैसे सुंदर कुआ बना रखा है। यदि उसमें जल नहीं है या जल है तो खारा (पीने योग्य नहीं) है, उसका भी नाम भले ही कुंआ है, परंतु गुण कुंए (Well) वाले नहीं हैं।
इसी प्रकार मनुष्य भक्ति नहीं करता तो उसको भी मानव कहते हैं। परंतु मनुष्य वाले गुण नहीं है।
भक्ति से भगवान तक पहुँचने का शास्त्रानुकूल मार्ग सिर्फ तत्वदर्शी संत ही बता सकते हैं।
श्रीमदभगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तथा 16, 17 में कहा है कि यह संसार ऐसा है जैसे पीपल का वृक्ष है। जो संत इस संसार रूपी पीपल के वृक्ष की जड़ों से लेकर तीनों गुणों रूपी शाखाओं तक सर्वांग भिन्न-भिन्न बता देता है। वह संत वेद के तात्पर्य को जानने वाला है अर्थात् वह तत्वदर्शी संत है। जो की वर्तमान में तत्वदर्शी संत सिर्फ संत रामपालजी महाराज जी ही हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य :-
1. विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।
2. समाज से जाती-पाती के भेद भाव को मिटाना।
3. युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जाग्रति लाना।
4. समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।
5. समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से समाप्त करना।
6. समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करना।
7. भ्रष्टाचार को खत्म करना।
8. सामाजिक बुराइयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना।
पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी के प्रयासों से भेदभाव की स्थिति समाप्त हो रही है। समाज में शांति स्थापित हो रही है। संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं :-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधार के सराहनीय कार्य
Sant Rampal Ji Satsang in Chandauli: संत रामपाल जी महाराज जी समाज सुधार में भी बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहें हैं जिसमे की देश के हर राज्य में आये दिन दहेज मुक्त शादिया करवाना जिसमे ना किसी प्रकार का कोई आडंबर किया जाता न ही ढोल, डीजे बजाया जाता ना ही कोई फिजूल खर्चा इत्यादि किया जाता है मात्र 17 मिनट में असुर निकंदन रमैनी (वाणी) के द्वारा विवाह संपन्न होता है।
संत रामपाल जी महाराज जी के आश्रमों में समय-समय पर विशेष समागमों के साथ-साथ रक्तदान व देहदान जैसे मानव कल्याण के कार्यक्रम भी आयोजित होते रहते हैं जिसमें उनके अनुयायी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
देश के युवा बच्चो व बड़ो को परमात्मा का सही ज्ञान वेद शास्त्र से प्रमाणित करके नशे आदि बुरी लत के बारे में बता कर देश को नशा मुक्त करना।
संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग में बताते है की मनुष्य को बुरे कर्मो से बचना चाहिए चोरी ठगी नहीं करनी चाहिए रिश्वत नहीं लेनी चाहिए इन सब बुरे कर्मो की सजा हमे मनुष्य जन्म में रहते हुए तो मिलती ही है साथ में मृत्यु के उपरांत नरक आदि में भयंकर कष्ट मनुष्य जीव को भोगने पड़ते है फिर 84 लाख योनियों गधा, कुत्ता आदि का जीवन मिलता है।
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी नशा, रिश्वतखोरी, चोरी-ठगी, भ्रष्टाचार आदि से कोषों दूर रहते हैं और संत जी द्वारा दी गई शिक्षा और मर्यादा पर पूर्ण रूप से खरे उतरते है।
आप सभी पाठको से निवेदन है की संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा जनहित और मानव कल्याण के लिए लिखित पवित्र पुस्तक “जीने की राह” अवश्य पढ़े। निःशुल्क जीने की राह पुस्तक मंगवाने के लिए आप सभी 7496801825 पर अपना पूरा नाम, पता, पिनकोड और मोबाइल नंबर सहित हमें Whatsapp या SMS करें।
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Amazing work indeed by the followers of Sant Rampal Ji Maharaj in a world where true spirituality is declining…
Everyone should listen to the discourses of Saint Rampal Ji Maharaj…
Amazing work indeed by the followers of Sant Rampal Ji Maharaj in such a world where true spirituality is declining…
Everyone should listen to the discourses of Saint Rampal Ji Maharaj…
Saint Rampal Ji Maharaj Ji is the only True Guru in the world who has Complete Spiritual Knowledge of all holy religions scriptures. Ao everyone must listen His discourses and take initiation from him.
मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
इन सबो से हमारे गुरु जी संत रामपाल जी महाराज जी
छुटकारा दिलवाते हैं।
God Kabir Saheb wakes up the misguided and spiritually mrit souls and inspires them to do the true sadhna of Adi Ram and spread freedom from the butcher bramha-kal’s trap.
True spiritual knowledge according to the scriptures is only available with Sant Rampal Ji Maharaj which grants complete salvation..
जिस संत के आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों लोग सामाजिक बुराइयों को छोड़ शास्त्रानुकूल सतभक्ति कर रहे हैं। वो स्वयं पुर्ण परमात्मा कबीर साहेब भगवान सन्त रामपाल जी महाराज जी के रूप मे इस धरातल पर अवतरित है इस जन्म मृत्यु लोक से परे अमर लोक सतलोक से भक्त समाज को परिचित करवा रहे है।