Husband of Goddess Durga – देवी दुर्गा के पति कौन हैं
नमस्कार ! मित्रों जैसा कि हम जानतें है हिन्दू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है । देवी दुर्गा को माँ दुर्गा या माता दुर्गा भी कहा जाता है । आप सभी नें गौर किया होगा कि माता देवी दुर्गा को ज्यादातर महिलाएं सुहाग से जुडी चीजें ही चढ़ाती हैं तो क्या आप जानतें हैं कि देवी दुर्गा के पति कौन हैं – Who is the Husband of Goddess Durga ?
क्या आप जानते हैं हिंदू धर्म के शास्त्रों में कहीं पर भी नवरात्रि त्यौहार मनाने के बारे में नहीं बताया गया है । किसी भी धर्म के बारे में पूर्ण जानकारी के लिए सबसे पहले हमें उस धर्म के शास्त्रों से जानकारी लेनी चाहिए I वेदों में कहीं भी नवरात्रि पूजन का जिक्र नहीं है ।
स्वयं दुर्गा ( Goddess Durga ) जी देवी भागवत पुराण स्कंद 7 अध्याय 36 पृष्ठ 563 में हिमालय को ज्ञान उपदेश देते समय कहती है –
“उस एकमात्र परमात्मा को ही जाने बाकी सब बातों को छोड़ दें यही अमृत रूप परमात्मा तक पहुंचाने का पुल है”
क्या दुर्गा जी हमारे सभी दुखों का निवारण कर सकते हैं
हम सभी देवी देवताओं की इतनी भक्ति करते हैं फिर भी दुखी रहते हैं । हिंदू धर्म के अनुसार 33 करोड़ देवी देवता होते हैं सोचने वाली बात है कि जिस धर्म में 33 करोड़ देवी देवता है फिर भी आज के समय कोई सुखी जीवन नहीं जी पा रहा । इसी कारण सभी लोग भटक रहे हैं आज इस देवी के पास कल उस देवता के पास और फिर भी निराश ।
देवी दुर्गा के पति कौन हैं
दुर्गा जी की पूजा करते करते भी कष्ट दूर नहीं होते क्योंकि उनसे लाभ पाने का किसी के पास सही मंत्र सही साधना नहीं है । पूर्ण लाभ तो पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी की भक्ति से ही मिल सकता है । अगर आप भी मां दुर्गा ( Goddess Durga ) की पूजा करते हैं तो आपने यह जरूर गौर किया होगा कि देवी दुर्गा को ज्यादातर सुहाग की मानता का आधार मानी जाने वाली चीजें ही चढ़ाई जाती है जिससे एक बात तो स्पष्ट है कि मां दुर्गा देवी शादीशुदा है । अब सवाल यह उठता है कि मां दुर्गा की पति कौन है ( Who is the Husband of Goddess Durga – देवी दुर्गा के पति कौन हैं? ) आखिर मां दुर्गा के नाम का श्रृंगार करते हैं ? किसके नाम का सिंदूर लगाती है ? तो चलिए जानते हैं
प्रमाण – Proof
अपने धार्मिक ग्रंथों में छुपे हुए इस रहस्य को श्रीमद् देवी भागवत गीता प्रेस गोरखपुर 114 – 115 में स्पष्टीकरण मिलता है कि ब्रह्म जिसे काल या क्षर पुरूष भी कहा जाता है , देवी दुर्गा के पति हैं । देवी दुर्गा को प्रकृति, देवी, माया,अष्टांगी तथा शेरावाली आदि – आदि नामों से भी जाना जाता है । यहाँ दुर्गा को भवानी और काल को परम पुरुष के रूप में संबोधित किया गया है तथा स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि वे साथ रहते हैं तथा यह भी कहा गया है कि दोनों के बीच अविभाज्य संबंध है ।
देवी भागवत पुराण में देवी दुर्गा बहुत ही स्पष्ट रूप से इस ब्रह्म की पूजा करने के बारे में बताती है क्योंकि वह त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और शिव से भी ऊपर है । यही प्रमाण संक्षिप्त देवी भागवत के तीसरे स्कंद पेज 129 पर भी मिलता है। अन्य प्रमाण पवित्र श्रीमदभागवत गीता में अध्याय 14 श्लोक 3 से 5 में स्पष्ट रूप से प्रत्यक्ष हुआ है —
सर्वयोनिषु कौन्तेय मूर्तयः सम्भवन्ति याः।
तासां ब्रह्म महद्योनिरहं बीजप्रदः पिता।।14.4।।
श्रीमदभागवत गीता में अध्याय 14 श्लोक 4
अर्थात श्री कृष्ण में प्रवेश ब्रह्म ( ज्योति निरंजन काल ) कह रहा है कि हे अर्जुन नाना प्रकार की सब योनियों में जितनी मूर्तियां अर्थात शरीर धारी प्राणी उत्पन्न होते हैं, प्रकृति दुर्गा स्वयं दुर्गा ( Goddess Durga ) जी देवी भागवत पुराण स्कंद 7 अध्याय 36 पृष्ठ 563 में हिमालय को ज्ञान उपदेश देते समय कहती है – तो उन सब की गर्भधारण करने वाली माता है और मैं ( ब्रह्म )बीज को स्थापित करने वाला पिता हूँ ।
जरा विचार करें – Just think
उत्तम पुरुष, पूर्ण परमात्मा, परम अक्षर ब्रह्म, अविनाशी परमेशवर, पूजा करने योग्य पूर्ण ब्रह्म की जानकारी देने वाले पवित्र ग्रंथ इस निर्णायक ज्ञान को पूर्ण रूप से स्पष्ट करते हैं कि ब्रह्म ( काल / क्षर पुरुष ) मां दुर्गा के पति हैं। जो लोग इन वेदों और पुराणों को भी नहीं समझ पाए है वे ब्रह्मा, विष्णु, महेश और दुर्गा ( Goddess Durga ) की पूजा करते हैं जबकि परमात्मा तो इस काल ब्रह्म से कोई अन्य है ।
कौन है पूर्ण परमात्मा – Who is Complete God
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